डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की याद में मनाया जा रहा, आज का शुभ दिन हमारे लिए एक प्रेरणा प्रसंग है। अनेक विद्वान इस संसार से चले गए लेकिन उनके विचारों, उनकी शिक्षा को आज भी हम याद करते हैं।
ऐसे विद्वानों में से एक थे, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन। जिनके द्वारा जगाई गई शिक्षा की ज्योति, आज भी जल रही है। उन्होंने शिक्षक, शिक्षार्थी और शिक्षा के बारे में अनेक विचार व्यक्त किये।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के मूल्यवान विचार 📚✍👇
- गुरु के भीतर वह चुंबकीय शक्ति होती है जो अपने शिष्य को आकर्षित करती है, इन्हीं शक्तियों के कारण शिष्य सांसारिक चुनौतियों पर विजय प्राप्त करता है।
- शिक्षक वह नहीं जो छात्रों के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे।
- ज्ञान हमें शक्ति देता , प्रेम हमें परिपूर्णता देता है।
- अच्छा शिक्षक वह है जो जीवन पर्यंत विद्यार्थी बना रहता है और इस प्रक्रिया में वह केवल किताबों से ही नहीं अपितु विद्यार्थियों से भी सीखता है।
शिक्षक दिवस पर प्रभावशाली भाषण 🎤📚✅
आज के शुभ अवसर पर एकत्रित सभी सुनने वालों का मैं, हृदय से आभार व्यक्त करता/करती हूं।
दोस्तों कहते हैं कि शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है और आज के बदलते समय में यह बात सच हो रही है। क्योंकि वैश्विक स्तर पर हो रहे परिवर्तन के कारण किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए हमारे पास उसका, पर्याप्त ज्ञान होना अनिवार्य हो चुका है।
ज्ञान हमें तभी मिलेगा, जब हमारे पास एक अच्छा शिक्षक होगा और एक अच्छा शिक्षक तभी होगा, जब हमारे अंदर कुछ नया सीखने के लिए जिज्ञासा व समर्पण भाव होगा।
यह सच है कि आज तकनीकी का युग है परन्तु भले ही हम तकनीकी रूप से कितने भी विकसित हो जाएं लेकिन एक शिक्षक जो हमारे आंतरिक भावों को समझने की क्षमता रखता है, उसका स्थान ये मशीनें कभी नहीं ले सकती।
भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम लोग ना जाने क्या-क्या खोते जा रहे , कितनी बार हम अपने आप को अकेला पाते हैं और सोचते हैं कि जीवन दुखों का मेला है। साथ देने वाला कोई नहीं है। लेकिन देखा जाए तो ये परिस्थितियां भी हमारे लिए, चुनौतियों के साथ-साथ एक शिक्षक बनकर सामने खड़ी हो जाती हैं, जिनका सामना करने के लिए हमें खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाना पड़ता है और जीवन की जंग अकेले लड़नी पड़ती है।
इसलिए कहते हैं कि एक अच्छा और सच्चा गुरु हमारे भ्रम मिटाता है। हमें उस वास्तविक जीवन से परिचित करवाता है, जो कल्पना से कहीं ज्यादा खूबसूरत है।
आज के समय में एक बेहतर शिक्षक मिलना मुश्किल है लेकिन अगर हमारे अंदर बहुत कुछ सीखने की तीव्र जिज्ञासा, समर्पण भाव है और हम हर संभव कोशिश करते हैं तो यह ब्रह्मांड व हमारी सकारात्मक ऊर्जा, हमें उस इंसान से ज़रूर मिलवाती है, जो सीखाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।
निर्भर हमारे ऊपर करता है कि हम ऐसे शिक्षकों के लायक बनते हैं या नहीं। क्योंकि शिक्षा का उद्देश्य हमें महानता की ओर लेकर जाना है, इसलिए हमें शिक्षा और शिक्षक दोनों का सम्मान करते रहना चाहिए। तभी हम जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर लेकर जा सकेंगे।
शिक्षा के मुख्य उद्देश्य 📚🎯✅
- वास्तविक शिक्षा हमें पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में आने वाले बाधाओं का सामना करना सिखाती है।
- अपना हक मांगने से पहले, ज़िम्मेदारी निभाना सिखाती है।
- शिक्षा के द्वारा हम पढ़ी जाने वाली अच्छी बातों को, व्यवहारिक जीवन में लागू करना सीखते हैं।
- छोटे-बड़ों से कैसे बात करनी है, बेईमानी ना करना, जीवन मूल्य सीखना, अच्छी आदतें सीखना आदि, यह सब हम शिक्षा के माध्यम से अमल में लाते हैं।
- शिक्षा के माध्यम से हम बाहरी प्रेरणा से ज्यादा, आंतरिक प्रेरणा पर ध्यान केंद्रित करना सीखते हैं।
- व्यवहारिक शिक्षा भ्रम जाल को तोड़कर, वास्तविकता का सामना करना सिखाती है।
- कुल मिलाकर शिक्षा का उद्देश्य, एक चरित्रवान और अच्छा व्यक्तित्व तैयार करना है।
इसलिए हम शिक्षा के माध्यम से अपने गुरुओं से हमेशा जुड़े रहें और उनके मार्गदर्शन में जीवन को नई दिशा देकर सफलता के मार्ग पर चलते रहें। दूसरों की भी मदद करते रहें। एक बार फिर से आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
उम्मीद है कि इस भाषण को आप पूरे जोश तथा आवाज़ के उतार चढ़ाव के साथ बेहतर तरीके से बोलें और श्रोताओं पर अपनी एक अलग छाप छोड़ पाने में कामयाब हों।
आपने मुझे सुना, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏🌻