दोस्तों, शिक्षक दिवस (Shikshak Divas) पर आप जो भी स्पीच दें, ज़रूरी है कि उसमें दो-तीन अच्छी शायरियां और महान विचारकों के एक दो विचार भी हों ताकि आपके भाषण को चार चांद लग जाएं और सुनने वाले तालियां बजाने को मजबूर हो जाएं।
शिक्षा पर अनेक विद्वानों के कुछ अनमोल विचार ✍📚👇
➡ शिक्षित और अशिक्षित दोनों एक दूसरे से वैसे ही भिन्न हैं जैसे जीवित मृतक से।
➡ शिक्षा वही है जो बालक के शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक तथा चारित्रिक गुणों का विकास कर सके।
➡ शिक्षा की जड़ कड़वी है पर उसके फल मीठे हैं।
➡ बच्चों को शिक्षित किया जाना चाहिए, पर उन्हें खुद को शिक्षित करने के लिए भी छोड़ दिया जाना चाहिए।
➡ ऐसे जियो जैसे की तुम्हें कल मार जाना हो, ऐसे सीखो जैसे की तुम्हें हमेशा के लिए जीना हो।
➡ शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसे आप दुनिया बदलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
➡ बुद्धि और चरित्र – यही सच्ची शिक्षा का लक्ष्य है।
शिक्षक दिवस (Shikshak Divas) पर एक बेहतरीन भाषण 🎤📚✅
सबसे पहले ईश्वर के दिए हुए, आज के दिन की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। मेरे सभी प्रिय शिक्षकों और प्यारे साथियों को, मेरी तरफ से Happy Teachers’ Day
दोस्तों हम सभी जानते हैं कि 5 सितंबर (Shikshak Divas) का यह दिन जिसे हम, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में, शिक्षक दिवस के रूप में मानते हैं। वैसे तो टीचर, विद्यार्थी और शिक्षा के बारे में बहुत सी बातें हैं लेकिन आज मैं आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा करना चाहता/ चाहती हूं।
किसी विद्वान ने कहा है कि “शिक्षा का मकसद है एक खाली दिमाग को खुले दिमाग में परिवर्तित करना” और कहीं ना कहीं मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ क्योंकि सिर्फ़ तथ्यों को रटकर हम सच्ची शिक्षा हासिल नहीं कर सकते। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य अज्ञानता के अंधकार को मिटाना, सभी को समाज में बराबर का अधिकार दिलाना, ऊंच – नीच व जात – पात के भेदभाव को ख़त्म करना तथा अपने जीवन को सामाजिक कार्यों के लिए भी समर्पित करना होता है लेकिन आज के समय में भाग दौड़ भरी ज़िंदगी और इस चकाचौंध के बीच, शायद हम शिक्षा के अर्थ को होते जा रहे हैं।
स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि ‘शिक्षा वही है जो बालक के शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक तथा चारित्रिक गुणों का विकास कर सके।’
सही मायने में एक अच्छा विद्यार्थी बनने के लिए हमें महान विचारकों की बातों का पालन करना चाहिए। जिन्होंने शिक्षा के लिए ना जाने कितना संघर्ष किया। उनके इस त्याग की कीमत को समझते हुए, आज हमें अपने आप को शिक्षित करना बहुत ज़रूरी है तथा अपने माता-पिता का हमेशा आदर करें, उनका सम्मान करें क्योंकि वही हमारे प्रथम गुरु हैं, उन्हीं ने हमें पाल पोस कर इतना बड़ा किया और हमें पढ़ा लिखा रहे हैं। हर माता-पिता का सपना होता है कि वो अपने बच्चों को खुद से भी ज्यादा शिक्षित करें जिसके लिए वो हमें हर सुविधा दिलवाने की कोशिश करते हैं ताकि हमारी पढ़ाई के आगे कोई भी चीज बाधा ना बने।
इसलिए मैं यही कहना चाहूंगा/ चाहूंगी कि हम अपने पेरेंट्स के सपनों को पूरा करें, उनका नाम रोशन करें और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना पाने में कामयाब हों।
धन्यवाद 🙏🌻