Lucky parents बच्चो की 5 quality

अधिकतर देखा जाता है कि पेरेंट्स (parents) अपने बच्चों को उनकी गलतियों पर तो डांटते रहते हैं मगर उनकी क्वालिटी पर तारीफ करना भूल ही जाते हैं। माता-पिता के तौर पर अगर आप भी ऐसा करते हैं तो इससे बचिए क्योंकि बच्चों को गलतियों पर सजा देने से कहीं ज्यादा जरूरी है उनकी अच्छे काम के लिए तारीफ करना।

अगर आप असमंजस्ता की स्थिति में है कि कैसे पता लगेगा बच्चे में कौन से खास गुण हैं जिनके लिए उनको सराहा जाए तो यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए है।

➡️ गलत शब्दों का यूज ना करना –

बच्चे जब भी अपने घर और आसपास के माहौल में गाली ग्लौच या अबयूजिव वर्ड्स सुनते हैं तो जाहिर सी बात है कि वो भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगा जाते हैं। मगर यह जरूरी नहीं कि हर बच्चा बदतमीजी से पेश आए और ऐसी लैंग्वेज का प्रयोग करे क्योंकि सभी पेरेंट्स के व्यवहार के अनुसार बच्चों का व्यवहार भी अलग-अलग होता है।

अगर आपका बच्चा बात करते समय सही शब्दों का चुनाव करता है तो आपको इस बात पर गर्व करना चाहिए क्योंकि आज के मॉडर्न जमाने के बीच रहते हुए बच्चों को संस्कारवान बनाना एक चुनौती भरा काम है। इसीलिए बच्चे की इस क्वालिटी के लिए उसकी तारीफ करें और उसे एहसास दिलाएं कि वह गलत शब्दों का यूज ना करके अपने अंदर एक खास गुण विकसित कर रहा/ रही है।

➡️ Simplicity

दुनिया भर के चकाचौंध को देखते हुए हर बच्चे द्वारा अपने शौंक पूरे करने की डिमांड बढ़ती जा रही है। ऐसे में यह उन पेरेंट्स के लिए चुनौती खड़ी कर देता है जिनके पास इनकम के सीमित साधन मौजूद होते हैं और वे किसी भी हालत में अपने बच्चों के सारे शौंक पूरे नहीं कर पाते जिसके कारण बच्चे अपने माता-पिता से निराश हो जाते हैं और पेरेंट्स भी गिल्टी फील करने लगते हैं।

यह बात सभी बच्चों पर लागू नहीं होती क्योंकि बहुत से माता-पिता दिखावे की बजाय सरल और साधारण जीवन जी रहे होते हैं जिसके कारण उनका यह गुण उनके बच्चों में भी आ जाता है। अगर आपकी संतान में भी यह क्वालिटी है तो बेशक आपको इस चीज के निश्चिंत हो जाना चाहिए कि वो बिना जरूरत की चीजों के लिए आपसे फालतू की डिमांड करेंगे।

साथ में पेरेंट्स को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जरूरत पड़ने पर अपने बच्चों को समझाएं कि उनकी महानता दिखावे में नहीं बल्कि अपनी क्षमता को बढ़ाने में है जिसके कारण वो साधारण रहकर भी बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं।

➡️ अच्छी आदतें –

बच्चों की सही हैबिट्स की बात करें तो इसमें बहुत सी बातें शामिल हो सकती हैं जैसे अपने खिलौने और पुस्तकें सही जगह रखना, स्कूल से आकर होमवर्क पूरा करना, कपड़े चेंज करके ड्रेस को धोने की जगह रखना, खाना खाने से पहले हैंड वॉश करना, खुद से लेकर भोजन करना आदि। आप लक्की हैं अगर आपके बच्चों में इस तरह की आदतें हैं और इसका श्रेय भी आपको जाता है क्योंकि जब पेरेंट्स चीजों को मैनेज करके रखते हैं और छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखते हैं तो वैसे ही आदतें बच्चे भी फॉलो करने लग जाते हैं।

➡️ घर के कामों में हाथ बंटाना –

मेरे छोटे कज़न सिस्टर और ब्रदर अपने पेरेंट्स का हर उस काम में हाथ बंटाते हैं जो वो कर सकते हैं। जैसे दुकान से सामान लाना, दूध लस्सी लेकर आना, चीजों को इधर-उधर रखने में मदद करना, दादा जी दादी जी को भोजन करवाना, घर में आए मेहमानों को खाना परोसने में मदद करना आदि।

इस तरह के छोटे-छोटे कामों में वो सहायता करने के लिए आगे रहते हैं और हर बार कुछ ना कुछ नया सीखते हैं। अगर मैं ऐसा कहूं कि कुछ चीजों में उनको मुझसे भी ज्यादा नॉलेज है तो यह कहना गलत नहीं होगा क्योंकि उनके माता-पिता उनको छोटे-छोटे कामों में इंडिपेंडेंट बनाने और सिखाने में विश्वास रखते हैं ताकि वो इसमें दिलचस्पी लें और काम से जी ना चुराए तथा भविष्य में ऐसी चीजों के लिए किसी पर निर्भर ना रहे। आपके बच्चों में ऐसी क्वालिटी आपको खुद की मेहनत पर गर्व महसूस करवाती है।

➡️ Competitive Thinking ना होना –

आज के समय में आगे निकलने की होड़ हर इंसान की सोच को प्रतिस्पर्धी बना देती है। स्वाभाविक है कि यह बच्चों के अंदर भी होती है चाहे वह क्लास में फर्स्ट आने की बात हो या किसी खेल में आगे निकलने की बात हो। बहुत बार ऐसा होता है कि दूसरों को पीछे धकेलने के लिए हम कुछ भी करने को तैयार रहते हैं ताकि हम आगे निकल सकें लेकिन जो पेरेंट्स अपने बच्चों में इस तरह की सोच के बजाय उनकी क्रिएटिव थिंकिंग को विकसित करने पर जोर देते हैं उनके बच्चे प्रतिस्पर्धा की बजाय अपनी स्किल को और बेहतर करने को पहले स्थान पर रखते हैं। चाहे उनको हार मिले या जीत मगर उनका ध्यान इस बात पर केंद्रित होता है कि वो पिछली बार की तुलना में अबकी बार अपने आप को और कितना बेहतर बना पाए।

वो पेरेंट्स खुशकिस्मत हैं जिनके बच्चे इस तरह की सोच रखते हैं और ज़ाहिर सी बात है कि इसका क्रेडिट आप ही हो जाता है क्योंकि अगर आपके अंदर यह गुण नहीं होगा तो बहुत ही कम चांस है कि बच्चों में यह गुण आए। इसलिए अच्छे पेरेंट्स होने के नाते अपने आप पर प्राउड फील करें।

उम्मीद करती हूं कि यह आर्टिकल आपको कुछ नए आइडियाज़ देने में मददगार साबित हुआ। धन्यवाद

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