त्योहारों को यादगार बनाने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते ताकि बाद में जब हम उन पलों को याद करें तो हमें खुशी का अनुभव हो। पेरेंट्स और बच्चे जब कुछ अच्छा काम मिलकर करते हैं तो उनमें प्रेम बढ़ता है। अधिकतर पेरेंट्स सोचते हैं कि दिवाली (Diwali) पर ऐसा क्या करें जिसको बच्चे लंबे समय तक याद रखें तो इस आर्टिकल में आपको कुछ अच्छे टिप्स दिए गए हैं जिनको आपको जरूर फॉलो करना चाहिए।
➡️ डांटें नहीं –
मैं उस पल को शायद ही कभी भूलूं जब होली के त्योहार पर एक छोटी सी गलती पर मुझे परिवार वालों से बहुत सारी डांत और अपशब्द सुनने को मिले थे। दुर्भाग्यवश हर फेस्टिवल पर मुझे वह बात याद आ जाती है जब वह दिन मेरे लिए बहुत उदासी और दुख भरा था।
वैसे तो पेरेंट्स को अक्सर कहा जाता है कि बच्चों से अपनी बात मनवानी है या उनको सही रास्ते पर लेकर आना है तो डांटना समाधान नहीं है। आप उन्हें प्यार से समझा कर भी ऐसा कर सकते हैं। खासकर किसी फेस्टिवल पर आप अपने बच्चों को कभी मत डांटें। अगर बच्चा कुछ गलती कर रहा है तो उसको एक बार प्यार से समझाएं। बाद में किसी दिन समय निकालकर उस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।
➡️ पार्टिसिपेट करें –
मैंने बहुत से पेरेंट्स ऐसे देखे हैं जो बच्चों के साथ उनकी गतिविधियों में बिल्कुल भी शामिल नहीं होते। जब बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स होते हैं तो उनकी हिम्मत और उत्साह और भी बढ़ जाता है। आपके सिर्फ इतना कहने से कि “आप अपने अनुसार जो भी करो सही है हम इसमें रोक-टोक नहीं कर रहे हैं”, बच्चे उस प्रेम और खुशी का अनुभव नहीं कर पाते जो आपके साथ अनुभव करते हैं।
जैसा कि कहते हैं पेरेंट्स को कभी-कभी खुद भी बच्चा बनना पड़ता है। इसलिए जितना हो सके त्योहार को मिलजुल कर परिवार के साथ खुशियों से मनाएं और उस एक दिन के हर पल को अच्छी यादों से भर दें।
➡️ बच्चों की पसंद का ध्यान रखें –
ऐसा जरूरी नहीं कि हर वक्त बच्चों की डिमांड पूरी करना उचित हो। अगर आपको लगता है कि उनकी मांगे सही है और आप उनको पूरा कर सकते हैं तो ऐसा करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। जैसे दिवाली पर बच्चे पटाखों, कपड़ों या मिठाई को लेकर छोटी-मोटी डिमांड ही करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को नाराज ना करें। अगर आप वित्तीय प्रबंधन करके चीजें सही करने का प्रयास करेंगे तो यह आपके लिए और भी फायदेमंद होगा।
➡️ जितना हो सके खुश रहें –
सोच कर देखिए हमेशा दुखी और उदास रहने वाले इंसान के पास कौन बैठना पसंद करेगा लेकिन वही दूसरी तरफ जो इंसान हमेशा खुश रहता है, दूसरों में नई उम्मीद जगाता है उसको लगभग सभी पसंद करते हैं। इसीलिए अपने बच्चों के लिए एक ऐसा इंसान बनें जिसमें भरपूर मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा और खुशियां हो क्योंकि हम वही चीज दूसरों को दे सकते हैं जो हमारे पास है और जैसा की विद्वान लोग कहते हैं जितनी हम खुशी और प्रेम लूटाते हैं परमात्मा हमें उससे भी ज्यादा देता है।
इसीलिए कम से कम किसी त्योहार पर आप ऐसा चेहरा ना बनाएं जो आपके बच्चों के लिए उदासी का कारण बन जाए।
मैं आशा करती हूं कि अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो किसी भी फेस्टिवल पर आप अपने परिवार के साथ ढेर सारी खुशियां बटोर पाएंगे। बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏