दोस्तों मंच पर बोलने के लिए हमारे पास बहुत से मौके होते हैं लेकिन यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उन सभी अवसर का लाभ उठाते हुये, अपने डर को ख़त्म करते हैं या जीवन भर उसी डर के साथ जीते हैं।
हिंदी भाषा पर कुछ महत्वपूर्ण विचार Hindi Divas 🌻📚👇
➡ मैं उन लोगों में से हूं, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है।
– बाल गंगाधर तिलक
➡ हिंदी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है।
– माखनलाल चतुर्वेदी
➡ हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोत है।
– सुमित्रानंदन पंत
➡ हृदय की कोई भाषा नहीं , हृदय – हृदय से बातचीत करता है और हिंदी हृदय की भाषा है।
– महात्मा गांधी
हिंदी दिवस पर मोटिवेशनल भाषण 🎤📚🌟
सबसे पहले यहां पर उपस्थित आप सभी का स्वागत करता/ करती हूं, और हिंदी दिवस (Hindi Divas) की आपको हार्दिक शुभकामनाएं।
दोस्तों 14 सितंबर को याद रखते हुए, आज हम यहां पर हिंदी दिवस के उपलक्ष में एकत्रित हुए हैं। बहुत ही गौरव का एहसास होता है, जब हम अपने राष्ट्र की किसी विरासत की बात करते हैं। हिंदी भाषा हमारी विरासत, सभ्यता और संस्कृति है। आज के दिन हम ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी’ और ‘स्वामी दयानंद सरस्वती’ को याद करेंगे।
जिन्होंने हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करने के लिए, अपनी तरफ़ से हर संभव प्रयास किये। उनके अनेक प्रयासों के बावजूद भी हमारे लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि हिंदी भाषा को आज भी राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला है।
यह बात हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए कि अपनी संस्कृति, शिक्षा या भाषा को बढ़ावा देने के लिए, उनके प्रति समर्पण की आवश्यकता है। केवल बातें करने से या किसी एक दिन को धूमधाम मनाने से, हम इस देश के बहुत अच्छे नागरिक नहीं बन जाएंगे।
इसके लिए हमें हर रोज निरंतर प्रयास करने की ज़रूरत है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने एक बार कहा था कि “केवल बातें करने से इतिहास में कोई वास्तविक परिवर्तन कभी हासिल नहीं हुआ…”
आज यह महत्वपूर्ण है कि सबसे पहले हम अपनी सोच को बदलें। सभी भाषाओं का अपना एक अलग महत्व होता है, इसलिए हिंदी बोलना भी हम अपनी शान समझें।
यह बात सच है कि आज के बदलते समय में हमें अंग्रेजी भाषा सीखने की भी आवश्यकता है लेकिन कहीं ऐसा ना हो कि अन्य भाषाओं के चक्कर में हम अपनी मूल संस्कृति या मुख्य भाषा को भूल जाएं। अच्छे तरीके से बोली गई भाषा तथा प्रयोग में लाए गए बेहतरीन शब्द, हमारे व्यक्तित्व को निखारते हैं। जिनसे हमारी पहचान बनती है।
अंत में मैं यही कहना चाहूंगा/ चाहूंगी कि हम सब मिलकर अपनी हिंदी भाषा का सम्मान करें और इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके अपने उच्चारण को शुद्ध करने का प्रयास करें।
धन्यवाद 🙏
दोस्तों मंच पर बोलने के लिए हमारे पास बहुत से मौके होते हैं लेकिन यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उन सभी अवसर का लाभ उठाते हुये, अपने डर को ख़त्म करते हैं या जीवन भर उसी डर के साथ जीते हैं।